Sawai Madhopur News: रणथंभौर की दहाड़, भरत लाल की चीख और उलियाना गांव का सन्नाटा... वन विभाग पर सवाल, जानें पूरा मामला
इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। वन विभाग के लिए ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि वन्यजीवों से उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। गुस्साए ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-श्यामपुरा मार्ग पर जाम लगा दिया है।
सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क से सटे उलियाना गांव में आज सुबह का सूरज एक दर्दनाक खबर लेकर आया। अपनी बकरियों को चराने खेत में गए भरत लाल मीणा पर एक बाघ ने हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में भरत लाल को संभलने का मौका तक नहीं मिला और वे बाघ के पंजों का शिकार हो गए।
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बाघ का शिकार बना ग्रामीण
घटना की भयावहता यहीं नहीं रुकी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघ काफी देर तक भरत लाल के शव के पास बैठा रहा। गांव वालों को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने हिम्मत जुटाकर किसी तरह बाघ को भगाया और भरत लाल के शव को अपने कब्जे में लिया।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। वन विभाग के लिए ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि वन्यजीवों से उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। गुस्साए ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-श्यामपुरा मार्ग पर जाम लगा दिया है और भरत लाल के शव को सड़क पर रखकर धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि जब तक मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक वे शव नहीं उठाएंगे।
गांव में तनाव का माहौल
मौके पर तनाव फैला हुआ है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और ग्रामीणों से बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष और उसके दुखद परिणामों को उजागर किया है।
रिपोर्ट - बजरंग सिंह