कांग्रेस का डेलीगेशन पीएम मोदी की शिकायत लेकर पहुंचा चुनाव आयोग, ठोस कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टी के नेताओं में बयानबाजी का दौर जारी है। चुनाव आयोग को इसकी शिकायतें भी मिल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में रैली करते हुए कांग्रेस पर एक बयान दिया, जिसपर पार्टी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे, क्योंकि उन्होंने ‘विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण' बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टी के नेताओं में बयानबाजी का दौर जारी है। चुनाव आयोग को इसकी शिकायतें भी मिल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में रैली करते हुए कांग्रेस पर एक बयान दिया, जिसपर पार्टी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे, क्योंकि उन्होंने ‘विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण' बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है।
निर्वाचन आयोग से पीएम मोदी की शिकायत
कांग्रेस के एक डेलीगेशन ने सोमवार को निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी और कुछ अन्य विषयों पर शिकायतें दर्ज कराईं। इस डेलीगेशन में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल शामिल रहे सिंघवी ने कहा, "हमने कुल 17 शिकायतें की हैं। ये सभी शिकायतें गंभीर हैं और देश के संविधान के मूल सिद्धांतों पर आघात करने वाली हैं। हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द ठोस और स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे।"
‘पीएम को इस तरह का वक्तव्य नहीं देना चाहिए’
सिंघवी ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री को इस प्रकार का वक्तव्य नहीं देना चाहिए। उनके X हैंडल पर भी इस टिप्पणी को साझा किया गया है। मैं इसे नहीं दोहराऊंगा, क्योंकि यह भद्दा है। इसमें एक समुदाय का नाम लिया गया है। इसमें कहा गया है कि वह समुदाय संसाधनों को हड़प लेगा। उस समुदाय को घुसपैठिया बताया गया है। इसमें मंगल सूत्र की बात की गई है।"
प्रधानमंत्री ने धारा 123 का उल्लंघन किया-सिंधवी
सिंघवी ने आरोप लगाया कि, "प्रधानमंत्री के पद पर आसीन एक व्यक्ति ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 का उल्लंघन किया है। भारतीय संविधान की अस्मिता पर प्रहार किया गया है।"उन्होंने कहा, "भारत, संविधान, प्रधानमंत्री के पद और निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता का सवाल है...जो आम आदमी के विषय में करते हैं, वो प्रतिबंध लगाना पड़ेगा। चाहे कोई व्यक्ति कितना ही बड़ा है, क्योंकि यह संवैधानिक अस्मिता का सवाल है।" कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बताया है।
क्या था पीएम मोदी का बयान?
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। पीएम मोदी ने ये बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही। इसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक' अल्पसंख्यक समुदाय का है।