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पहले चरण के मतदान में कम वोटिंग बढ़ा सकती है बिजेपी की चिंता, वोटरों में नहीं दिखा उत्साह ?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024  के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है छुटपुट घटनाओं के साथ देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर शांति पूर्वक मतदान पूरा हुआ, इस बार कुल 64 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत इस चुनाव में कम देखने को मिला है। पिछले चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था। देश में त्रिपुरा को छोड़कर किसी भी राज्य में मतदान का आंकड़ा 80 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा है। सबसे अधिक त्रिपुरा में 80.6 प्रतिशत वोट डाले गए। बंगाल में लगभग 78 प्रतिशत मतदान की खबर है। वहीं पूरे देश में सबसे कम मतदान बिहार में देखने को मिला। बिहार में महज 47.50 प्रतिशत वोटिंग की सूचना है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स मतदान केंद्र तक आखिर क्यों नहीं पहुंचे ?

पहले चरण के मतदान में कम वोटिंग बढ़ा सकती है बिजेपी की चिंता, वोटरों में नहीं दिखा उत्साह ?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024  के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है छुटपुट घटनाओं के साथ देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर शांति पूर्वक मतदान पूरा हुआ, इस बार कुल 64 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत इस चुनाव में कम देखने को मिला ह। पिछले चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था। देश में त्रिपुरा को छोड़कर किसी भी राज्य में मतदान का आंकड़ा 80 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा है। सबसे अधिक त्रिपुरा में 80.6 प्रतिशत वोट डाले गए। बंगाल में लगभग 78 प्रतिशत मतदान की खबर है। वहीं पूरे देश में सबसे कम मतदान बिहार में देखने को मिला। बिहार में महज 47.50 प्रतिशत वोटिंग की सूचना है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स मतदान केंद्र तक आखिर क्यों नहीं पहुंचे ?

कम वोटिंग बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है

कम वोटिंग से भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता बढ़ सकती है क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में मोदी युग के उदय के बाद वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली थी। 2014 और 2019 में मत प्रतिशत अच्छे रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी ने अपने लिए मिशन 370 का लक्ष्य रखा है। बीजेपी की तरफ से इस बात के दावे लगातार होते रहे हैं कि पार्टी आसानी से इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगी।

जानकारों का क्या मत है ?

जानकार मतदान प्रतिशत में गिरावट के बाद सवाल उठा रहे हैं कि क्या बीजेपी नेताओ की तरह ही बीजेपी वोटर्स भी कहीं अति आत्मविश्वास के शिकार तो नहीं हो गए? क्या बीजेपी के वोटर्स मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे? हालांकि इसे लेकर कोई पुख्ता जानकारी अभी कहीं भी सामने नहीं आई है। जिसके आधार पर इस बात के दावे किए जाए कि किस क्षेत्र के वोटर्स का टर्नआउट अधिक रहा है और किसका कम।

उत्तर भारत के राज्यों में भी कम वोटिंग

बीजेपी की तरफ से मिशन 370 को लेकर यह माना जा रहा था कि बीजेपी अपने मजबूत राज्य यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश में पहले से अच्छे हालात में है। वहीं उसे उम्मीद है कि इन राज्यों में वो एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगी। हालांकि मतदान प्रतिशत में हुई बड़ी गिरावट के बाद बीजेपी नेतृत्व की परेशानी बढ़ गई है।

मिशन साउथ के चक्कर में नॉर्थ में नुकसान

बीजेपी इस चुनाव में मिशन साउथ को लेकर बेहद एक्टिव नजर आयी है। पीएम मोदी की तरफ से दक्षिण के राज्यों में लगातार सभा की जा रही है। बीजेपी को 370 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए किसी भी हालत में दक्षिण भारत के राज्यों में भी उत्तर भारत की सफलता के साथ ही अच्छा प्रदर्शन करना होगा। हालांकि ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या मिशन साउथ के चक्कर में बीजेपी की तैयारी राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में कुछ कमी रह गयी।

वोटर्स में नहीं दिखा मतदान को लेकर उत्साह ?

बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर लगभग 53 प्रतिशत मतदान हुए थे वहीं इस चुनाव में लगभग 47 प्रतिशत वोट ही पड़े हैं। बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो इस चरण में जिन सीटों पर मतदान हुए हैं उन सीटों पर पिछले चुनाव में लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुए थे। वहीं इस बार 57 प्रतिशत वोट ही पड़े हैं। मध्य प्रदेश में भी पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में वोट प्रतिशत में भारी गिरावट देखने को मिली हैं।