EVM पर सवाल उठाने वालों को झटका, VVPAT वेरिफिकेशन की याचिकाएं खारिज, EVM को SC की क्लीन चिट
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए EVM के जरिये डाले गए वोट की VVPAT की पर्चियों से शत प्रतिशत मिलान समेत अन्य कई मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं और चुनाव के बीच चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम फैसले के बाद अब सत्ता पक्ष लगातार विपक्ष पर हमलावर है.
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए EVM के जरिये डाले गए वोट की VVPAT की पर्चियों से शत प्रतिशत मिलान समेत अन्य कई मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं और चुनाव के बीच चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम फैसले के बाद अब सत्ता पक्ष लगातार विपक्ष पर हमलावर है.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के बीच सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है. कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है. ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिया है.
VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट ने दो दिशानिर्देश किए जारी
पहला निर्देश ये कि चुनाव चिन्ह की लोडिंग की प्रोसेस पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट यानी SLU को सील किया जाना चाहिए और इसे 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए.
दूसरा नतीजे में दूसरे और तीसरे नंबर पर आए उम्मीदवार चाहें तो परिणाम आने के सात दिन के अंदर दोबारा जांच की मांग कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में इंजीनियरों की एक टीम द्वारा माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच की जाएगी.
विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए - पीएम
वहीं VVPAT से मिलान की याचिका खारिज होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि EVM-VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वो कांग्रेस और INDI गठबंधन के चेहरे पर तमाचे जैसा है. विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए.
EVM से छेड़छाड़ संभव नहीं - अर्जुन राम मेघवाल
वहीं अर्जुन राम मेघवाल ने भी SC के फैसले के बाद विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि EVM से छेड़छाड़ संभव नहीं विपक्ष चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.
SC के फैसले के पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बहरहाल विपक्षी दलों ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाते हुए वीवीपैट के 100 प्रतिशत मिलान की मांग की थी, जिसके चलते आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं सत्ता पक्ष आज के दिन को लोकतंत्र के लिए विजय का दिन बता रहा है.