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केजरीवाल की कमी पूरा कर पाएंगी सुनीता केजरीवाल, राबड़ी देवी के बाद क्या सुनीता बनेंगी दिल्ली की सीएम !

आजादी के 76 साल में भारत की राजनीति में परिवारवाद की जड़ें कितनी मजबूत हो गई है, इसका एक और जीता जागता उदाहरण दिल्ली की सड़कों पर देखने को मिला जब शराब घोटाले में बंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए रोड शो करने के लिए उतरीं. वंशवाद की बेल देश में इस कदर फैल चुकी है कि कोई नेता अपनी राजनीतिक विरासत को पार्टी के किसी वफादार को नहीं सौंपना चाहता. वो फिट मानता है तो अपने परिवार के ही सदस्य को.

केजरीवाल की कमी पूरा कर पाएंगी सुनीता केजरीवाल, राबड़ी देवी के बाद क्या सुनीता बनेंगी दिल्ली की सीएम !

आजादी के 76 साल में भारत की राजनीति में परिवारवाद की जड़ें कितनी मजबूत हो गई है, इसका एक और जीता जागता उदाहरण दिल्ली की सड़कों पर देखने को मिला जब शराब घोटाले में बंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए रोड शो करने के लिए उतरीं. वंशवाद की बेल देश में इस कदर फैल चुकी है कि कोई नेता अपनी राजनीतिक विरासत को पार्टी के किसी वफादार को नहीं सौंपना चाहता. वो फिट मानता है तो अपने परिवार के ही सदस्य को.

सुनीता केजरीवाल ने संभाली पार्टी की कमान

आज एक बात तो शीशे की तरह साफ हो गई कि शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के सीएम केजरीवाल को बढ़ते राजनीतिक दबाव के आगे इस्तीफा देना पड़ा तो फिर आम आदमी पार्टी की कमान कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ही संभालेंगी. हजारों समर्थकों की भीड़ में सुनीता केजरीवाल रोड शो के जरिए पार्टी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील कर रही हैं.

दरअसल केजरीवाल और आम आदमी पार्टी मानती है कि केजरीवाल के जेल में रहने से पार्टी को नुकसान हो सकता है और ऐसे में अगर उसको इस नुकसान के उबरना है और पार्टी के पक्ष में सहानुभूति की लहर पाई जा सकती है, तो सुनीता केजरीवाल से बड़ा चेहरा कोई और नहीं हो सकता.

दरअसल नई आबकारी नीति को लेकर जब केजरीवाल हिरासत में लिए गए और पहली बार सुनीता केजरीवाल मीडिया के सामने आईं तो उस वक्त भी ये कयास लगाए गए थे कि केजरीवाल ने पूरी सोची समझी प्लानिंग के तहत सुनीता को मीडिया के सामने पेश किया था. उसके बाद कई बार सुनीता केजरीवाल कैमरे के सामने आईं और एक मंझी हुई नेता की तरह मीडिया के सामने अपनी बात रखी.

सुनीता केजरीवाल ने संभाली प्रचार की कमान

दिल्ली में अब जबकि सुनीता केजरीवाल ने एक तरह से पार्टी के प्रचार की कमान संभाल ली है और पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांग रही हैं तो ऐसे में इस बात की संभावना और अधिक बढ़ गई है कि अगर बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं तो पार्टी की कमान सुनीता केजरीवाल ही संभालेंगी. हालांकि केजरीवाल के तिहाड़ जाने के बाद सीएम फेस के तौर पर कई नाम चल रहे थे. जिसमें दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम प्रमुख रूप से शामिल था.

राबड़ी देवी ने भी संभाली थी पार्टी की कमान

ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी राज्य के सीएम ने जेल जाने के बाद पार्टी की कमान अपनी पत्नी को सौंपी हो. इसके पहले चारा घोटाले में जेल जाने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राबड़ी देवी को आरजेडी के मुखिया के तौर पर आगे करते हुए उनको बिहार के सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया था.

देश की राजधानी में जिस तरह की राजनीतिक उठा-पटक चल रही है और सियासी नूराकुश्ती के बीच अगर अरविंद केजरीवाल को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा, तो वो सुनीता केजरीवाल के नाम को ही आगे बढ़ाएंगे और इस स्थिति में पार्टी के अंदर शायद की विरोध के स्वर सुनाई दें. हां ये बात दीगर है कि उनके आगे आने से पार्टी के जिन नेताओं के अंदर दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की चाहत जगी होगी उसके सपने सिर्फ सपने ही रह जाएंगे. क्योंकि राजनीति में शायद ही कोई नेता होगा जो अपनी विरासत पार्टी के किसी और नेता को सौंपना चाहेगा.