फहाद अहमद संग शादी के बाद डर गई थीं स्वरा भास्कर, बोलीं- 'यह मेरे लिए बहुत ज्यादा था'
Swara Bhasker On Interfaith Marriage:स्वरा भास्कर अपनी बात को खुलकर लोगों के सामने रखने के लिए जानी जाती हैं। अब हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान स्वरा ने बताया था कि फहद अहमद संग शादी करने के बाद उन्हें डर था कि अब उन्हें बॉलीवुड की पार्टियों में नहीं बुलाया जाएगा।
Swara Bhasker On Interfaith Marriage: 16 फरवरी 2023 को स्वरा भास्कर ने अपने लॉन्ग टाइम ब्वॉयफ्रेंड फहद अहमद के साथ कोर्ट मैरिज की थी। अलग-अलग धर्म होने की वजह से इनकी शादी काफी सुर्खियां बटोरी थीं। वहीं स्वरा को इंटरफेथ मैरिज के लिए काफी ट्रोल किया गया था। हाल ही में स्वरा ने अपने वर्ग और सांस्कृतिक मतभेदों के कारण आने वाली चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की। स्वरा ने कहा कि जब उन्होंने देश में धर्मनिरपेक्षता के लिए लड़ाई लड़ी, तो फहाद को डेट करने की बात पर उनके मन में संदेह था।
आपको बता दें कि ‘रांझणा’ और 'तनु वेड्स मनु' जैसी फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाने वाली स्वरा और फहाद अमृता राव और आरजे अनमोल के शो कपल ऑफ थिंग्स में साथ नजर आए। इस शो में उन्होंने अपनी प्रेम कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि वे मुंबई में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मिले थे और शुरू में वे दोस्त थे, लेकिन जल्द ही दोनों के बीच प्यार पनपने लगा।
10 घंटे तक कॉल पर बात करते थे
फहाद ने याद करते हुए कहा, "लेकिन मजेदार बात यह है कि हम दोनों ही इस बात से इनकार कर रहे थे। मुझे लगता था कि हम दोनों दोस्त से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकते। हम दोनों बहुत अलग-अलग बैकग्राउंड से आए थे। लेकिन हमारे आस-पास के सभी लोग जानते थे कि हमारे बीच कुछ खास है। एक दौर ऐसा भी था जब हम लगातार 10 घंटे तक कॉल पर बात करते थे।'
इस बात से डरती थीं स्वरा
स्वरा ने भी दोहराया कि उन्हें लगा कि उनका मिलन 'असंभव' था। अभिनेत्री ने स्वीकार किया, 'मुझे लग रहा था कि यह बहुत ज़्यादा है। मैं ऐसी व्यक्ति नहीं हूँ जो इस बात की परवाह करती हो कि दूसरे लोग क्या सोचेंगे, लेकिन यह चौंकाने वाला था कि उस समय मेरे दिमाग में 'लोग क्या कहेंगे' जैसी बातें आती थीं। मैं यह सोचकर सदमे में थी कि मेरे परिवार और दोस्त इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।'
उन्होंने कहा- एक समय तो मुझे डर लगा कि अगर मैंने फहाद से शादी कर ली तो मुझे बॉलीवुड पार्टियों में नहीं बुलाया जाएगा। और मैं यह नहीं समझ पाई कि ऐसा क्यों है, क्योंकि मैं कभी ऐसी इंसान नहीं रही जो ऐसी चीजों को महत्व देती। एक तरफ मैं धर्मनिरपेक्षता के नारे लगा रही थी, लेकिन दूसरी तरफ ऐसी बातें मेरे दिमाग में चल रही थीं। स्वरा ने कहा कि उन्होंने सभी विचारों और भावनाओं को अपने अंदर समा जाने दिया और अपने चाचा से बातचीत के बाद उन्हें अंततः एहसास हुआ कि वह फहाद के साथ रहना चाहती हैं और दुनिया की परवाह नहीं करना चाहतीं।