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कौन थे अनिल अरोड़ा? मलाइका अरोड़ा के पिता की मौत से सदमे में परिवार, जानिए उनके बारे में सबकुछ

Malaika Arora father death: मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने कथित तौर पर बांद्रा में एक इमारत की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना आज सुबह करीब 9 बजे हुई और शव को बाबा अस्पताल ले जाया गया। उनके परिवार में मलाइका, उनकी बहन अमृता अरोड़ा और उनकी मां जॉयस पॉलीकार्प हैं।

कौन थे अनिल अरोड़ा? मलाइका अरोड़ा के पिता की मौत से सदमे में परिवार, जानिए उनके बारे में सबकुछ

Malaika Arora's father's death: मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने आज यानी 11 सितंबर 2024 को अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने आज सुबह 9 बजे मुंबई के बांद्रा में अपनी बिल्डिंग की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। बाताया जा रहा है कि जब उन्होंने मलाइका के पिता ने ये खौफनाक कदम  उठाया तो मलाइका घर पर नहीं थीं।

अनिल अरोड़ा के निधन की खबर आने के कुछ ही देर बाद मलाइका के एक्स पति अरबाज खान शोक व्यक्त करने के लिए अभिनेत्री के घर पहुंचे। मौके पर कई पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। कथित तौर पर मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। 

आपको याद दिला दें कि  बीत एक साल अनिल अरोड़ा की सेहत भी ठीक नहीं थी। 2023 में अनिल को मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, वे किस वजह उन्हें भर्ती करवाया गया था इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं आई थी। 

क्या करते थे मलाइका के पिता

मलाइका के  पिता अनिल अरोड़ा पंजाब के फाजिल्का शहर से संबंध रखते हैं। वे पंजाबी हिंदू थे। वे भारतीय मर्चेंट नेवी में काम किया था। अनिल अरोड़ा ने मलाइका की मां जॉयस पॉलीकार्प मलयाली ईसाई हैं। हालांकि शादी के 11 साल बाद अनिल और जॉयस उस समय अलग हो गए थे। उस समय मलाइका 11 वर्ष की थीं, जबकि उनकी बहन अमृता अरोड़ा 6 वर्ष की थीं। तलाक के बाद अरोड़ा बहनें अपनी मां के साथ ठाणे से चेंबूर चली गईं, जहां उनकी मां ने उनका पालन-पोषण किया।

माता-पिता के तलाक को लेकर मलाइका ने कहा था
एक बार अपने माता-पिता के तलाक के बारे में बात करते हुए, मलाइका ने फिल्मफेयर को बताया कि इसने उन्हें अपनी मां को एक नए और अनोखे नज़रिए से देखने का मौका दिया। उन्होंने कहा, मैंने एक दृढ़ कार्य नीति और हर सुबह उठने का महत्व सीखा ताकि मैं पूरी तरह से स्वतंत्र हो सकूं। वे शुरुआती सबक मेरे जीवन और प्रोफेशनल जर्नी की आधारशिला हैं। मैं अभी भी पूरी तरह से स्वतंत्र हूं। मैं अपनी आज़ादी को महत्व देती हूं और अपनी शर्तों पर जीवन जीती हूं। यह आसान नहीं था। काफी  कुछ सहा हमने और बहुत कुछ देखा लेकिन कठिन समय आपको महत्वपूर्ण सबक भी सिखाता है।