Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

कंगना रनौत से लेकर रेणुका चौधरी तक, संसदीय समितियों में महिलाओं का दबदबा! यहां देखें लिस्ट

केंद्र सरकार ने 24 संसदीय समितियों का गठन कर दिया है। इसमें राहुल गांधी से लेकर कंगना रनौत तक का नाम शामिल है। जानिए कौन सी समिति में कौन सा नेता शामिल हुआ और किन महिला नेताओं को जगह दी गई। 

कंगना रनौत से लेकर रेणुका चौधरी तक, संसदीय समितियों में महिलाओं का दबदबा! यहां देखें लिस्ट

केंद्र की मोदी सरकार ने 24 संसदीय समितियों का गठन कर दिया है। जहां लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से लेकर रेणुका चौधरी, कंगना रनौत तक का नाम शामिल हैं। वहीं, रक्षा मामले के लिए समिति अध्यक्ष बीजेपी सांसद राधा सिंह होंगे तो दूसरी ओर राहुल गांधी रक्षा मामलों की समिति में मेंबर हैं। इस बार समिति में महिला नेताओं को बड़े पैमाने में शामिल किया गया है।

ये भी पढ़ें-

वाणिज्य समिति की कमान संभालेंगी डोला सेन

बता दें, वाणिज्य समिति में डॉ संगीता बलवंत, रेनुका चौधा,धनंजय भीमराव महाडिक,रजनी अशोक राव पाटिल तो लोकसभा से अनीता शुभदर्शिनी  को कमेटी शामिल किया गया है जबकि, डोला सेन समिती अध्यक्ष होंगी। वहीं, शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल समिति में सुष्मिता देव श्रीमती सुनेत्रा अजीत पवार, संगीता यादव, रचना बनर्जी,शोभनाबेन महेंद्र सिंह बरैया, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, बांसुरी स्वराज को मेंबर बनाया गया है, समिति अध्यक्ष दिग्विजय सिंह होंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति मे महिला मेंबर के तौर पर इकरा चौधरी,रूची वीरा और अपराजिता सारंगी को शामिल किया गया है। 

गृह मामलों की समिति में इन्हें मिली जगह 

बता दें, गृह मामलों समिति में डॉ.काकोली घोष दस्तीदार, कलाबेन मोहनभाई,माला रॉय को शामिल किया गया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को चेयरमैन नियुक्त किया गए हैं। जहां तक उच्च नेताओं की बात है मेरठ से सांसद अरुण गोविल को विदेश मामलों समिति का मेंबर बनाया गया है,जबकि कंगना रनौत महिला-शिक्षा-युवा खेल मामलों की संसदीय समिति की सदस्य हैं। लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें-

वित्त,रेल समिति की कमान कौन संभालेंगा?

वित्त मामलों की संसदीय समिति की प्रमुख बीजेपी भर्तहरि महताब होंगे। जबकि निशिकांत दुबे को आईटी समिति की कमान सौंपी गई है। विदेशी मामलों की समिति अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर होंगे, जबकि रेल मामलों की समिति चेयरमन भाजपा मुख्यमंत्री रमेश को बनाया गया है। 

क्यों किया जाता है संसदीय समिति का गठन?

बहरहाल, संसद के काम बंटाने के लिए संसदीय समिति का गठन किया जाता है, ताकि कोई बड़ा काम छूट न जाए। संसदीय संसद के अध्यक्ष के अनुसार कमेटी काम करती है और अपनी रिपोर्ट देती है। ये दो तरह की होती है पहली स्थायी और दूसरी तदर्थ समिति। जहां तक काम की बात है तो हर समिति अलग-अलग काम करती है। जैसे वित्तीय समिति का काम सरकारी खर्चों का ब्योरा रखना है, अगर इसमें जरा से भी ऊंच-नीच होती है तो संबधित विभाग से रिपोर्ट मांगी जाती है।