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मोदी सरकार के एक दांव से अमेरिका-रुस में खलबली, डिफेंस सेक्टर में उठाया ऐसा कदम, राहुल भी हो गए हैरान !

रत की मोदी सरकार देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रक्षा बजट में लगातार वृद्धि कर रही है। हाल ही में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। 

मोदी सरकार के एक दांव से अमेरिका-रुस में खलबली, डिफेंस सेक्टर में उठाया ऐसा कदम, राहुल भी हो गए हैरान !

केंद्र की मोदी सरकार देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लगातार रक्षा बजट में वृद्धि कर रही है। पड़ोस में चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भविष्य के लिए भारत पहले से ही खुद को तैयर कर रहा है। एक वक्त था जब कारगिल युद्ध के दौरान देश के पास जरूरी हथियार और उपकरण नहीं थे लेकिन अब हम दूसरे देशों को स्वदेश निर्मित हथियारों की बिक्री कर रहे हैं। दरअसल,  मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के 10 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। जिसके तहत भविष्य के लिए मॉडर्न तकनीक से लैस लड़ाकू विमान, एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार और डोर्नियर-228 जैसे विमान और उपकरण खरीदे जाएंगे।

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1,44,716 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी 

IDAC  ने 1,44,716 करोड़ रुपये की लागत वाले 10 खरीद प्रस्तावों के लिए AON प्रदान की है। इंडियन आर्मी की टैंक फ्लीट के मॉर्डनाइजेशन  के लिए भविष्य के मुख्य युद्धक टैंक (FRCV) की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। ये टैंक बेस्ट मोबिलिटी, सभी तरह के भौगोलिक क्षेत्रों में संचालन की क्षमता,सुरक्षा और खतरनाक मारक क्षमता से लैस होंगे। इससे इतर  डिफेंस फायर कंट्रोल रडारों की खरीद को भी मंजूरी मिली है। 

अन्य प्रस्तावों को भी सरकर ने दी स्वीकृति

इसके अलावा,  डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने फारवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड) के प्रस्ताव को भी मूंजरी दी है। जिसे प्राकृतिक वातावरण में ही मरम्मत कार्य करने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। जिसका उपयोग मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियन और आर्मर्ड रेजिमेंट में किया जा सकता है। वहीं भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता को बढ़ाने के लिए तीन एओएन को स्वीकृति मिली है। जहां खराब मौसम में उड़ान भरने में सक्षम अगली पीढ़ी के डोर्नियर-228 विमान,मॉर्डन टैक्निक से लैसा अपतटीय गश्ती पोत और तेजी गति से गश्त करने वाला पोल शामिल हैं। 

लगातार डिफेंस बजट बढ़ा रही सरकार 

वहीं देखा जाए तो बीते 10 सालों में भारत ने अपने कुल बजट का एक अहम हिस्सा डिफेंस सेक्टर पर खर्च किया है। सरकार का जोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर है, जिसके तहत अब भारत अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अन्य देशों को भी हथियारों की आपूर्ति करने में सक्षम हो गया है। कई रक्षा विशेषज्ञों का कहना है, पड़ोसी देशों में लगातार फैल रही अस्थिरता के कारण भारत को हमेशा तैयार रहना होगा। गौरतलब है, चीन हमेशा बॉर्डर पर तनाव बनाने की कोशिश करता है। वहीं पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा क्रेंद है। जबकि हाल में बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। शेख हसीना को जान बचाने के लिए भारत आना पड़ा। ऐसे में लगातार पड़ोसी मुल्कों में हो रही गतिविधियां भारत के लिए खतरे की घंटी है। इसलिए हर मोर्चे पर भारत को तैयार रहना होगा।