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Alwar में 350 साल पुराना करणी माता का मंदिर, जंगल में मां के दर्शन करने आ रहे भक्त, शारदीय नवरात्रि का 10 दिन होगा पूजन

नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही करणी माता मंदिर पर 9 दिवसीय लक्खी मेला भरेगा। नवरात्रि में अलवर जिले के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं।

Alwar में 350 साल पुराना करणी माता का मंदिर, जंगल में मां के दर्शन करने आ रहे भक्त, शारदीय नवरात्रि का 10 दिन होगा पूजन

शारदीय नवरात्रि पर अलवर के 350 साल पुराने करणी माता मंदिर में सुबह 6 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। शहर से 6 किमी दूर सरिस्का बफर जोन में अरावली की पहाड़ियों में बने मंदिर तक पहुंचने के लिए 114 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। करणी माता मंदिर में नवरात्रि स्थापना के साथ ही 9 दिवसीय लक्खी मेला भरेगा। नवरात्रि में अलवर जिले के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

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नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही करणी माता मंदिर पर 9 दिवसीय लक्खी मेला भरेगा। नवरात्रि में अलवर जिले के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं। इस ऐतिहासिक मंदिर की स्थापना 1805 में तत्कालीन महाराजा बतवर सिंह की पत्नी पूर्व महारानी रूप कंवर ने करवाई थी।

करणी माता का नवरात्रि मेला

यह देवी मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। नवरात्रि पर बाला किला पर करणी माता का मेला गुरुवार से शुरू होगा, जो 12 अक्टूबर तक चलेगा। मेले के दौरान सुबह 5 से शाम 6 बजे तक ही दर्शनार्थियों को प्रवेश मिलेगा। मेला मार्ग की मरम्मत कर दी गई है। हालांकि बाद में नई सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

रियासतकालीन है करणी माता का मंदिर

पूर्व राजपरिवार से जुड़े नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि पूर्व अलवर रियासत के दूसरे शासक बख्तावर सिंह ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर 1792 से 1815 के बीच करणी माता मंदिर की स्थापना कराई थी। करणी माता मंदिर बाला किला पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। स्थापना के बाद से ही मंदिर में करणी माता की मूर्ति की पूजा होती आ रही है। पूर्व अलवर रियासत से जुड़े नरेंद्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि पूर्व शासक बख्तावर सिंह अपनी पत्नी रूप कंवर के साथ बाला किला में रहा करते थे।

जानें दर्शन करने का समय

प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार करणी माता मेले में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। मेले को देखते हुए प्रशासन ने यहां तैयारियां पूरी कर ली हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पहाड़ी क्षेत्र में मेले के दौरान किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने प्रतापबंद से करणी माता मंदिर तक सड़क और सुरक्षा दीवार को दुरुस्त कर दिया है। वहीं लोगों की सुरक्षा के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से वनकर्मियों को तैनात किया गया है।