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Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ के मुख्य आरोपी और कार्यक्रम का आयोजक मधुकर गिरफ्तार, वकील ने कहा सरेंडर किया, देखे वीडियो

Hathras Stampede: हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. जिसमें पुलिस द्वारा कार्यक्रम के आयोजक मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया था. जिसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया है. वहीं आरोपी के वकील का दावा है कि आरोपी ने सरेंडर किया है. 

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यूपी के हाथरस में बीते 2 जुलाई को में भगदड़ मच गई थी. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कार्यक्रम आयोजक को मुख्य आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया था. हादसे के बाद से ही पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी. शुकवार को पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. जहां एक तरफ पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ आरोपी का वकील का कहना है कि उसने पुलिस को सरेंडर किया है. सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने एक वीडियो शेयर करके  दावा किया कि मधुकर को रात दस बजे यूपी पुलिस के विशेेष जांच दल को सौंप दिया है 

वीडियो में अधिवक्ता एपी सिंह ने बताया कि मधुकर दिल्ली में इलाज करा रहा था. हम जांच में मदद करना चाहते हैं.  सत्संग के लिए मधुकर ने ही प्रशासन से मंजूरी ली थी. कार्यक्रम का मुख्य आयोजनकर्ता भी वही था. उस पर गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने समेत भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है.

यूपी पुलिस का दावा सड़क से किया गिरफ्तार 

के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल  ने मीडिया से बताया कि एक लाख के इनामी मधुकर की पुलिस टीम ने गिरफ्तारी कर ली है. यह गिरफ्तारी दिल्ली से राह चलते हुई है. अस्पताल से कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.

132 गवाहों के बयान किए गए दर्ज

घटना की जानकारी देते है आगरा जोन एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया, एसआईटी जल्द ही मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपेेगी. अब तक 132 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, अभी किसी को क्लीनचिट नहीं दी गई है. पुलिस पूछताछ के लिए नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा को भी तलाश रही है. 

ईलाज कराने दिल्ली आए थे मधुकर 

मधुकर के वकील एसपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार तक मधुकर को जांच एजेंसियों को सौंप देंगे. वादे के तहत यूपी पुलिस को बुलाकर आत्मसमर्पण करा दिया. अग्रिम जमानत याचिका भी नहीं लगाई. मधुकर को हृदय रोग है, वह इलाज कराने दिल्ली आए थे. पुलिस जैसे चाहे उनसे पूछताछ कर सकती है. हमने समर्पण कराया, ताकि कोई गिरफ्तारी के लिए इनाम का दावा न करे.