"कोई मुझे बधाई देने भी नहीं आता"...सीएम भजनलाल ने ऐसा क्यों कहा, पढ़े इस रिपोर्ट में
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा आम जनता उन पर बहुत भरोसा करती है और इसे कायम रखने के लिए उन्हें सजग रहना चाहिए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार (29 अगस्त) को जयपुर में पुलिस अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, इस दौरान उन्होंने औपचारिक भाषण के साथ-साथ कई व्यावहारिक और भावनात्मक बातें भी कहीं। उन्होंने पुलिस की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि आम जनता उन पर बहुत भरोसा करती है और इसे कायम रखने के लिए उन्हें सजग रहना चाहिए।
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उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे हमेशा याद रखें कि जब वे पुलिस सेवा में आए थे तो क्या सोचकर आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा, जब हम आए थे तो हमारे अलग-अलग सपने थे, जिन सपनों को लेकर हम आए थे, पिताजी को भी वही उम्मीद थी, माता को भी वही उम्मीद थी, परिवार के सदस्यों को भी वही उम्मीद थी और जब आप ट्रेनिंग कर रहे थे तो वही तड़प थी, पुरानी यादें याद थीं, काम करने का जुनून था... जिस विश्वास के साथ आप इस बेड़े में आए हैं, उसे टूटने मत दें, क्योंकि राजस्थान की आठ करोड़ जनता आप पर विश्वास करती है।
आपकी कोई भी गलती लोगों की भावनाओं को बदल सकती है
सीएम भजन लाल शर्मा ने पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा कि उन्हें लगातार अच्छा काम करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उनकी कोई भी गलती लोगों की भावनाओं को बदल सकती है। जब अच्छा काम होता है तो मन प्रसन्न होता है और समाज के प्रतिनिधि भी खुश होते हैं। लेकिन अगर कुछ गलत होता है तो वही लोग जो आपकी प्रशंसा करते हैं, वही लोग आपके बारे में ऐसी बातें कहने लगते हैं जो आपने सुनी भी नहीं होंगी।"
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति कुछ गलत करता है तो वह भी जानता है और बाकी लोग भी जानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर आप जो काम कर रहे हैं उसमें बाएं और दाएं देखते हैं तो जब तक आप सही काम नहीं करेंगे तब तक कोई भी आपको ठीक से नहीं देख पाएगा। और जिस दिन आपके बारे में सब कुछ पता चल जाएगा, उस दिन हर कोई आपको छोड़ देगा।
अपनी प्रशंसा या संबंधों से प्रभावित हुए बिना करे अपना काम
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपनी प्रशंसा या संबंधों से प्रभावित हुए बिना अपना काम करते रहें। उन्होंने कहा, "कभी-कभी आपको लगता है कि यह व्यक्ति मेरी जाति का है, यह व्यक्ति मेरे परिवार का है, यह व्यक्ति रिश्तेदार है, यह व्यक्ति मेरी जाति का है, यह हम सबकी कमजोरी है। कोई कुछ नहीं करता। जब आप मुसीबत में थे, तो क्या कोई आपके पास आया था? कोई आपको सलाम करने भी नहीं आता। कोई यह देखने नहीं आता कि आपके साथ क्या हुआ... इसे कहते हैं चलती गाड़ी साहब, कोई पूछे नहीं आता।" सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपना काम ठीक से करें और लोगों का विश्वास बनाए रखते हुए आगे बढ़ें।