करवा चौथ पर भक्तों ने लिया चौथ माता का आशीर्वाद, सवाई माधोपुर में भक्तों की भारी भीड़
करवा चौथ के शुभ अवसर पर सवाई माधोपुर के चौथ माता मंदिर में आस्था का विशाल सैलाब उमड़ा, जहां लाखों सुहागिन महिलाएं माता के दर्शन करने पहुंचीं। अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए भक्तों ने चौथ माता के दरबार में हाजिरी लगाई।
सवाई माधोपुर, 20 अक्टूबर 2024 - राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बे में स्थित प्राचीन चौथ माता मंदिर में करवा चौथ के अवसर पर आस्था का विशाल सैलाब उमड़ा। देशभर से लाखों श्रद्धालु, विशेषकर सुहागिन महिलाएं, चौथ माता के दर्शन करने और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए मंदिर पहुंचीं। हर साल की तरह इस बार भी करवा चौथ पर चौथ माता के दरबार में भारी भीड़ देखी गई, जहां महिलाएं माता के दर्शन कर अपने सुहाग की रक्षा की प्रार्थना करती नजर आईं।
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चौथ माता के रूप में होती है पूजा
चौथ का बरवाड़ा कस्बे की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर करीब 1,000 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। चौथ माता को यहां देवी अम्बे के रूप में पूजा जाता है, और यहां आने वाले भक्त चौथ माता के रूप में उनकी आराधना करते हैं। मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व लोगों के बीच गहरी आस्था का प्रतीक है, और भक्तों का मानना है कि चौथ माता उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। चाहे संतान प्राप्ति हो, सुख-समृद्धि की चाह हो या अपने परिवार की सुरक्षा की कामना, चौथ माता का आशीर्वाद हर भक्त के लिए अमूल्य माना जाता है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
चौथ माता मंदिर के बारे में कई ऐतिहासिक कहानियां और किवदंतियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 1451 में सवाई माधोपुर के तत्कालीन शासक भीम सिंह द्वारा की गई थी। इसके बाद 1463 में मंदिर के मार्ग पर बिजल की छतरी और पहाड़ी की तलहटी में एक तालाब का निर्माण करवाया गया। राठौड़ वंश के शासक तेजसिंह राठौड़ ने 1671 में मुख्य मंदिर के दक्षिणी हिस्से में एक तिबारा बनवाया था। यह स्थान आज भी हाडौती क्षेत्र के लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, और चौथ माता को यहां कुल देवी के रूप में पूजा जाता है।
चौथ माता के प्रति आस्था और विशेष महत्व
महिलाओं के बीच चौथ माता के प्रति गहरी आस्था है। करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखकर माता की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद महिलाएं शाम को चांद देखकर और माता को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ पर यहां का नजारा बेहद भक्तिमय और मनमोहक होता है, जहां महिलाएं अपने सुहाग के लिए माता से प्रार्थना करती हैं।
मंदिर के विकास और सुविधाएं
चौथ माता मंदिर के प्रति भक्तों की बढ़ती आस्था को देखते हुए, मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर में कई विकास कार्य किए गए हैं। ट्रस्ट ने यहां वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर एक 1,000 फीट लंबा छायादार मार्ग बनाया है, जिससे श्रद्धालुओं को बारिश और गर्मी के दौरान भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा गार्डों की व्यवस्था के साथ, मंदिर परिसर पूरी तरह से सुरक्षित और स्वच्छ रखा जाता है।
श्रद्धालुओं का तांता और धार्मिक आयोजन
करवा चौथ पर चौथ माता के दरबार में भक्तों का तांता सुबह से ही लग जाता है। मंदिर पुजारी के अनुसार, आज के दिन करीब दो से ढाई लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक होती है। महिलाओं के साथ ही कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के साथ माता के दरबार में हाजिरी लगाने आती हैं।
इस प्रकार, चौथ माता मंदिर न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है, जहां हर चौथ पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और करवा चौथ के अवसर पर यह संख्या और भी बढ़ जाती है।