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जालौर में कृष्ण जन्माष्टमी पर निकाली गई भव्य शोभा यात्रा, लगे जयकारे

जालौर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भव्य और उल्लासपूर्ण तरीके से मनाया गया। भारत माता चौक से शुरू हुई शोभायात्रा, हाथी, घोड़े और पालकी के साथ शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए निकली। इस दौरान शहरवासियों ने उत्साह और भक्ति के साथ शोभायात्रा का स्वागत किया, हाथ में झंडे और बैनर लहराते हुए नाचते-गाते हुए चल रहे थे।

जालौर में कृष्ण जन्माष्टमी पर निकाली गई भव्य शोभा यात्रा, लगे जयकारे

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है। इसे हर साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में धरती पर आए थे। जन्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने-अपने घरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और रातभर जागरण करके भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी मनाते हैं।

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शोभायात्रा में लगे जयकारे

जालौर में जन्माष्टमी का पर्व इस बार खास धूमधाम के साथ मनाया गया। भारत माता चौक से शुरू हुई शोभायात्रा पूरे शहर में उल्लास और उत्साह का प्रतीक बन गई। यह शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए हाथी, घोड़े और पालकी के साथ निकली, जिसमें श्री कृष्ण के जयकारे लगाए जा रहे थे। नगरवासियों ने इस जुलूस का स्वागत बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ किया। लोग भव्य झंडे और बैनर लहराते हुए नाचते-गाते हुए चल रहे थे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।

झांकियों ने कार्यक्रम को बनाया रंगीन

शोभायात्रा के दौरान विभिन्न मठ-मंदिरों और विद्यालयों से सजाई गई झांकियों ने कार्यक्रम को और भी रंगीन बना दिया। कृष्ण के बाल रूप की झांकियां, उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाने वाली झांकियां और भक्तों की भव्य सजावट ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। छोटे बच्चों ने कृष्ण के रूप में बांसुरी बजाकर सबको आनंदित किया, जबकि महिलाओं ने भक्ति गीत गाकर धार्मिक माहौल को और बढ़ाया।

कृष्ण भक्ति के गीत गाए

शोभायात्रा में विभिन्न मठ-मंदिरों और विद्यालयों द्वारा सजाई गई झांकियां शामिल थीं, जो कृष्ण जन्माष्टमी के धार्मिक महत्व को दर्शाती थीं। नन्हे बच्चों ने कृष्ण के भव्य रूप में बांसुरी बजाकर सभी का मन मोह लिया। महिलाओं ने कृष्ण भक्ति के गीत गाए और शहर की गलियों में बंधी मटकी को तोड़ने की प्रतियोगिता का आयोजन किया। जैसे ही मटकी फूटती, भगवान श्री कृष्णा के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता।

सुरक्षा व्यवस्था का भी रखा ख्याल

इस धार्मिक आयोजन में विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस प्रशासन ने भी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभाली, ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

जालौर में इस तरह के धार्मिक आयोजनों की परंपरा को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि यहाँ के लोग अपनी धार्मिकता और उत्सवप्रियता के लिए प्रसिद्ध हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर शहर ने अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि का प्रमाण प्रस्तुत किया।