श्मशान घाट पर जिंदा हुआ व्यक्ति, डॉक्टरों की लापरवाही ने हिलाया प्रशासन, 3 डॉक्टर निलंबित, जांच जारी
झुंझुनू के बीडीके अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया, जिसे श्मशान घाट पर जिंदा पाया गया। इस घटना के बाद तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
राजस्थान के झुंझुनू जिले के बीडीके अस्पताल में डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। एक 47 वर्षीय व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद श्मशान घाट पर उसे जिंदा पाया गया। इस घटना के बाद अस्पताल के तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है।
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घटना की शुरुआत गुरुवार को हुई जब बगड़ स्थित मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश्व नामक व्यक्ति को बेहोशी की हालत में बीडीके अस्पताल लाया गया। रोहिताश्व बोल और सुन नहीं सकते थे। इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को मोर्चरी में डीप फ्रीजर में रख दिया गया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
श्मशान घाट पर चमत्कार
पोस्टमार्टम और पुलिस पंचनामे के बाद शव को मां सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार के लिए रोहिताश्व को श्मशान घाट ले जाया गया। चिता पर रखे जाने के दौरान अचानक उनके शरीर में हलचल होने लगी। यह देखकर वहां मौजूद लोग चौंक गए। आनन-फानन में उन्हें एम्बुलेंस से वापस बीडीके अस्पताल लाया गया, जहां अब उनका इलाज आईसीयू में हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।
डॉक्टरों पर कार्रवाई
इस गंभीर लापरवाही पर जिला कलेक्टर रामावतार मीणा की सिफारिश पर तीन डॉक्टरों, डॉ. संदीप पंचार, डॉ. योगेश कुमार जाखड़ और डॉ. नवनीत मील को निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान इनके मुख्यालय जैसलमेर, बाड़मेर और जालोर बनाए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
पहले भी सामने आए लापरवाही के मामले
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में डॉक्टरों की लापरवाही की खबरें आई हैं। इससे पहले भी जोधपुर और अन्य जिलों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। प्रशासन ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।