Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र में 17 रहस्यमय मौतें, मौसमी बीमारियों का खतरा या कुछ और?

राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी इलाके में पिछले एक महीने में रहस्यमय परिस्थितियों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकतर बच्चे हैं। स्थानीय लोग इसे रहस्यमय बीमारी मान रहे हैं, जबकि चिकित्सा विभाग इसे मौसमी बीमारियों का परिणाम बता रहा है। 

उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र में 17 रहस्यमय मौतें, मौसमी बीमारियों का खतरा या कुछ और?

राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी इलाके में रहस्यमय परिस्थितियों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। यह मौतें करीब एक महीने के अंदर हुई हैं और इसे लेकर स्थानीय लोग गहरे संकट में हैं। मौतों का कारण अब तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन इनकी संख्या को देखते हुए मामले ने चिकित्सा विभाग का ध्यान खींचा है। अधिकारियों का कहना है कि ये मौतें मौसमी बीमारियों के कारण हो रही हैं, लेकिन स्थानीय लोग इसे रहस्यमय बीमारी मान रहे हैं।

ये भी पढ़ें-

मौसमी बीमारियां या कुछ और?

उदयपुर के देवला ब्लॉक के घाटा ग्राम पंचायत के चार गांवों में मौतों का सिलसिला जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन मौतों का प्राथमिक कारण मौसमी बीमारियां हो सकती हैं, जो अक्सर बारिश के मौसम में फैलती हैं। डिप्टी सीएमएचओ दीपक जैन का कहना है कि बुखार और अन्य मौसमी लक्षणों के चलते ये मौतें हुई हैं, लेकिन स्थिति की पूरी जांच जारी है। मौतों की बढ़ती संख्या के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल है, और स्थानीय स्तर पर इसे रहस्यमय बीमारी के रूप में देखा जा रहा है।

गलत इलाज भी हो सकता है मौतों का कारण

स्थानीय लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, इन मौतों के पीछे एक और संभावित कारण गलत इलाज भी हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि इन 17 लोगों में से 16 की मौत कथित तौर पर बंगाली चिकित्सकों के गलत इलाज के चलते हुई है। इस मामले की जानकारी ग्राम सरपंच निकाराम गरासिया ने प्रशासन को दी है। इन संदिग्ध मौतों के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने फौरन कार्रवाई की और घाटा ग्राम पंचायत में चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं।

चिकित्सा विभाग अलर्ट, घर-घर सर्वे जारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए, चिकित्सा विभाग अब अलर्ट मोड में है। स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में कई चिकित्सा टीमों को भेजा है, जो घर-घर जाकर सर्वे और इलाज कर रही हैं। अब तक 400 से ज्यादा मरीजों का उपचार किया जा चुका है। डिप्टी सीएमएचओ दीपक जैन ने बताया कि चिकित्सा विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और हर मौत की सत्यापन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जांच में सामने आया है कि ज्यादातर मरीजों को बुखार और मौसमी बीमारी की शिकायतें थीं।

स्वास्थ्य शिविर और इलाज की पहल

चिकित्सा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में कई स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं, जहां ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है। विभाग की टीमें कोटड़ा से आकर मरीजों का घर-घर दौरा कर रही हैं और संभावित कारणों का पता लगाने में जुटी हैं। विभाग की ओर से कहा गया है कि इस मामले की मॉनिटरिंग लगातार की जाएगी और जब तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ जाती, तब तक सर्वे और शिविर जारी रहेंगे।