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राजस्थान की सियासत में हलचल के बीच में हनुमान बेनीवाल का बयान, 'RLP को दें समर्थन, नहीं तो होगा नुकसान

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024 के अंतर्गत नागौर जिले की खींवसर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने खींवसर की जनता से समर्थन की अपील की है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 

राजस्थान की सियासत में हलचल के बीच में हनुमान बेनीवाल का बयान, 'RLP को दें समर्थन, नहीं तो होगा नुकसान

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024 के चलते राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को उम्मीदवार के रूप में पेश किया है। इस कदम के साथ ही उन्होंने खींवसर की जनता से अपील की है कि वे RLP को अपना समर्थन दें, अन्यथा पार्टी को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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राज्य को लग सकता है झटका

हनुमान बेनीवाल ने एक जनसंबोधन में कहा, "अगर जनता किसी अन्य उम्मीदवार को चुनती है, तो हमारी पार्टी विधानसभा में अपना एक भी विधायक नहीं रख पाएगी। यह न केवल हमारे लिए बल्कि राज्य की राजनीति के लिए भी एक बड़ा झटका होगा।" उन्होंने यह भी बताया कि अगर उनकी पार्टी चुनाव हारती है तो पिछले 20 वर्षों की मेहनत बर्बाद हो जाएगी।

बेनीवाल ने राजस्थान के मुद्दों पर बात की

इस चुनाव के दौरान बेनीवाल ने कहा, "अगर RLP विधानसभा में नहीं रही तो लोगों को लगेगा कि हमने 20 साल संघर्ष किया और एक सीट भी खो दी। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनाव में जीत हासिल करें ताकि मैं चार साल तक राजस्थान के मुद्दों पर लड़ाई जारी रख सकूं, जैसे पेपर लीक और मिड डे मील घोटाले के आरोपियों के खिलाफ।"

बीजेपी ने डांगा को बनाया प्रत्याशी

दूसरी ओर, बीजेपी ने खींवसर से रेवंत राम डांगा को अपना उम्मीदवार बनाया है। डांगा को एक मजबूत प्रतियोगी माना जा रहा है, क्योंकि वह पिछले चुनाव में महज 2059 वोट से हार गए थे। इसके अलावा, कांग्रेस ने डॉ. रतन चौधरी को मैदान में उतारा है। अब तीनों उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा।

राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा, और इसके बाद 23 नवंबर को मतगणना के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव के नतीजे न केवल RLP के भविष्य को तय करेंगे, बल्कि राज्य की राजनीतिक धारा को भी प्रभावित करेंगे।