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भजनलाल शर्मा के उपचुनाव में प्रतिष्ठा दांव प,र क्या डॉ. किरोड़ी की रणनीति लाएगी जीत?

राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है। आगामी चुनावों में कुल सात सीटों पर मतदान होना है, जिनमें से छह सीटें कांग्रेस और एक भाजपा की हैं। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का प्रभाव दौसा और देवली उनियारा सीटों पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां उनके अनुज जगमोहन मीणा भाजपा के उम्मीदवार हैं। 

भजनलाल शर्मा के उपचुनाव में प्रतिष्ठा दांव प,र क्या डॉ. किरोड़ी की रणनीति लाएगी जीत?

राजस्थान विधानसभा के आगामी उपचुनावों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। चुनाव परिणामों के अनुसार, अगर भजनलाल जीतते हैं, तो उनका सियासी कद और भी ऊंचा हो जाएगा, लेकिन हारने पर उनके विरोधियों को सक्रिय होने का मौका मिलेगा। इस उपचुनाव में कुल सात सीटों पर मतदान होना है, जिसमें से एक सीट भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की है और छह सीटें कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों की हैं। ऐसे में भा.ज.पा. के लिए अधिक खोने के लिए कुछ नहीं है।

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किरोड़ी लाल मीणा का उपचुनाव में महत्व

मुख्य फोकस डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पर है, जिनका प्रभाव दौसा और देवली उनियारा उपचुनावों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दौसा सीट से उनके अनुज जगमोहन मीणा भाजपा के उम्मीदवार हैं। डॉ. मीणा के लिए यह चुनौती है कि वे दोनों सीटों पर भाजपा के लिए जीत सुनिश्चित करें। उन्होंने अपने भाई को टिकट दिलाने में सफल होने के बाद भी कई बाधाओं का सामना किया है।

मीणा ने उपचुनाव में मचाई हलचल

राजनीतिक हलचलों में डॉ. मीणा हमेशा चर्चा में रहते हैं। हाल ही में, उन्होंने दौसा लोकसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, जिसको लेकर उनके समर्थक असंतुष्ट हैं। उनके अनुसार, डॉ. मीणा को उनकी राजनीतिक हैसियत के अनुसार पद नहीं दिया गया है, और उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिलना चाहिए था।

राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव

भाजपा ने पूर्वी राजस्थान की सात लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी डॉ. मीणा को दी थी, लेकिन हालिया चुनावों में भा.ज.पा. को हार का सामना करना पड़ा। इसके चलते पीएम मोदी ने भी दौसा में अपने रोड शो के दौरान जीत की उम्मीद जताई थी, लेकिन भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा, जिससे डॉ. मीणा के इस्तीफे की वजह स्पष्ट होती है।