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उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ी राहत, बागियों ने माना पार्टी का फैसला

राजस्थान के सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ी राहत मिली है। झुंझुनूं, रामगढ़ और देवली उनियारा सीटों पर बगावत के संकेत मिलने के बाद, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से बागियों को मना लिया गया है। 

उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ी राहत, बागियों ने माना पार्टी का फैसला

राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पहली बड़ी जीत दर्ज की, और यह जीत है पार्टी के भीतर उभरती बगावत को थामने की। प्रदेश के तीन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों - झुंझुनूं, रामगढ़ और देवली उनियारा - में टिकट वितरण के बाद भाजपा के सामने बगावत का संकट खड़ा हो गया था। इन सीटों पर कई दावेदारों ने पार्टी के फैसलों से असहमति जताते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सूझबूझ से इन बागियों को मनाने में सफलता मिली।

झुंझुनूं सीट पर बबलू चौधरी की बगावत थमी

झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा के बबलू चौधरी को टिकट मिलने की उम्मीद थी, क्योंकि वे नवंबर 2023 के चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें नजरअंदाज कर राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज बबलू चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। पार्टी के लिए यह चिंता का विषय बन गया, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की टीम ने चौधरी से मुलाकात की और उन्हें मनाने में सफलता प्राप्त की। चौधरी ने अंततः निर्दलीय चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया।

रामगढ़ में जय आहूजा की नाराजगी भी दूर

अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर भाजपा ने इस बार सुखवंत सिंह को टिकट दिया, जो पिछले चुनाव में पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े थे और पार्टी के प्रत्याशी जय आहूजा की हार का कारण बने थे। इस बार सुखवंत सिंह को टिकट दिए जाने से जय आहूजा नाराज हो गए और उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आहूजा को समझाने की कोशिशें कीं और अंततः वह पार्टी के निर्णय को स्वीकार करते हुए सुखवंत सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिए तैयार हो गए।

विजय बैंसला भी माने, देवली उनियारा सीट पर भी संकट टला

गुर्जर समाज के प्रमुख नेता विजय बैंसला, जो कि कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला के बेटे हैं, को देवली उनियारा सीट से भाजपा ने इस उपचुनाव में टिकट नहीं दिया, जिससे वे नाराज हो गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर बड़ा ऐलान करने की तैयारी कर ली थी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को भांपते हुए बैंसला से मुलाकात की और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलवाया। इसके बाद बैंसला भी पार्टी के फैसले के साथ चलने को राजी हो गए और उनकी बैठक स्थगित हो गई।