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राजस्थान सरकार की प्रदूषण पर सख्ती, दीपावली पर पटाखों की बिक्री और फोड़ने के नियम सख्त

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, राजस्थान सरकार ने दीपावली, गुरु पर्व, क्रिसमस, और नए साल पर पटाखों के उपयोग के लिए कड़े नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत, पटाखे फोड़ने के लिए एक निर्धारित समय सीमा तय की गई है, जिसके बाद पटाखे जलाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

राजस्थान सरकार की प्रदूषण पर सख्ती, दीपावली पर पटाखों की बिक्री और फोड़ने के नियम सख्त

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पड़ोसी राज्यों में भी सरकारें सतर्क हो गई हैं और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठा रही हैं। इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने दीपावली, गुरु पर्व, क्रिसमस, और नए साल के अवसरों पर पटाखों के उपयोग को लेकर कड़े नियम जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य पर्यावरण को बचाना और बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाना है।

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सरकार ने दीपावली पर पटाखों के इस्तेमाल के लिए एक निश्चित समय निर्धारित किया है, जिसके बाद पटाखे जलाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से सटे राजस्थान के इलाकों में पटाखे जलाने के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों में खास ध्यान उन क्षेत्रों पर दिया गया है जो प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।

पटाखे जलाने के लिए समय सीमा

सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, दीपावली और गुरु पर्व के दौरान पटाखे जलाने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है। यह समय रात 8 बजे से 10 बजे तक रहेगा। वहीं, क्रिसमस और नए साल के जश्न में पटाखे जलाने के लिए रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक की अनुमति दी गई है।

कड़े दिशा-निर्देश और जागरूकता अभियान

राजस्थान सरकार ने अस्पतालों, नर्सिंग होम, स्कूलों, धार्मिक स्थलों, और कोर्ट जैसे संवेदनशील स्थानों के 100 मीटर के दायरे में पटाखे जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा, शादी समारोहों में भी उन्नत किस्म के ग्रीन पटाखे इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके।

सरकार के पर्यावरण विभाग को निर्देश

सरकार ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों और कॉलेजों में पटाखों के जलने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही, पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित अधिकरण और अन्य संस्थाओं द्वारा समय-समय पर जारी किए गए प्रदूषण नियंत्रण आदेशों की सख्ती से अनुपालना करवाने के लिए भी सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। उम्मीद है कि इन कड़े कदमों से राजस्थान में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।