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अवधेश प्रसाद का आरोप, दीपोत्सव में नहीं बुलाया, बीजेपी ने किया त्योहारों का राजनीतिकरण

इस बार अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया, जिसमें 25 लाख से अधिक दीयों की रोशनी ने एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया। 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ आरती कर दूसरा रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, इस भव्य आयोजन के बीच समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसके चलते राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।

अवधेश प्रसाद का आरोप, दीपोत्सव में नहीं बुलाया, बीजेपी ने किया त्योहारों का राजनीतिकरण

अयोध्या में इस बार दीपोत्सव का कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किया गया, जिसमें लाखों दीयों की रोशनी से शहर जगमगा उठा और नया विश्व रिकॉर्ड भी बना। सरयू नदी के किनारे आयोजित इस आयोजन में 25 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाकर एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया गया। इसी के साथ, 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ आरती कर दूसरा विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया। यह आयोजन अयोध्या के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था, जिसे देश और विदेश से आए हजारों पर्यटकों ने भी सराहा।

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दीपोत्सव के बीच में राजनीतिक विवाद

हालांकि, इस दीपोत्सव के बाद एक राजनीतिक विवाद भी सामने आया। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। उनका कहना था कि दीपोत्सव जैसे महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन में एक लोकसभा सांसद होने के नाते उन्हें आमंत्रण मिलना चाहिए था, लेकिन बीजेपी ने इस अवसर को अपने तक सीमित रखते हुए राजनीति कर दी। अवधेश प्रसाद के अनुसार, अगर उन्हें बुलाया गया होता तो वह भी इस आयोजन का हिस्सा बनने के इच्छुक थे।

अयोध्या के बीजेपी विधायक ने लगाया आरोप

इस आरोप का जवाब देते हुए अयोध्या के बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अवधेश प्रसाद को एक अन्य धार्मिक आयोजन में निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसमें भी हिस्सा नहीं लिया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि अवधेश प्रसाद खुद अयोध्या आने और दर्शन करने का समय नहीं निकालते, और अब दीपोत्सव जैसे सांस्कृतिक आयोजन पर राजनीति कर रहे हैं।

यह विवाद एक ओर अयोध्या में दीपोत्सव के महत्व को दिखाता है, वहीं दूसरी ओर इसमें राजनीतिक खींचतान भी स्पष्ट रूप से झलकती है। दीपोत्सव में इस बार अयोध्या के 55 घाटों पर दीये जलाए गए, जिसे ड्रोन के जरिए गिना गया। इस आयोजन ने न सिर्फ अयोध्या का गौरव बढ़ाया, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवंत किया है।